मंगळवार, २७ ऑगस्ट, २०१३

का ..…. कोण …… जाणे ….!



 

का ..…. कोण  …… जाणे ….!
पण  …….
तू  आलास    की  ………. !
माझे  मनातले शब्द
भावनांच्या आड़ लपतात
 डोळ्यांची लवतात पाती
आणि फक्त
स्वप्नेच उरतात
का ..…. कोण  …… जाणे ….!
पण
तू दूर असलास की
मनातले भाव
कागदावर  येतात
अश्रुंची उड़ते लगबग
आणि
ओठांत जाउन विरघळतात ……!!!

   

                                       "समिधा "